लोगो को भी दे रहे है ऑर्गेनिक खेती तथा फलों के खेती करने के लिए प्रशिक्षण

डुमरिया के मैगरा निवासी नागेंद्र पाठक इन दिनों अपना स्टूडियो छोड़कर आर्गेनिक खेती कर लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे है। प्रशिक्षण प्राप्त कर घर के छत और खेतों में फल,फूल,सब्जी उगाकर लोगों को खेती के प्रति जागरूक कर रहे है। और लोगो को भी प्रशिक्षण देकर जागरूक कर रहे है।नागेंद्र पाठक ने बताया कि मैंने लोगो के बीच ,नींबू ,केला ,आंवला,अमरूद,पपीता,आम,गुलाब, रातरानी,गेंदा,उड़ हुल,इत्यादि के हजारों पोधों को वितरित किया है। बचपन से ही इन्हें खेती करना अच्छा लगता है।अपने छत पर दर्जनों तरह के फूल , सब्जी,फल के पोधो को लगाया है। अपने खेतों में फूलों के दर्जनों प्रजातियां लगाया है। फल और सब्जी उगाकर लोगों को खेती के लिए प्रेरित कर रहे है।

गो सेवा के बाद पूरा समय अपने छत और खेतों में फल,फूल सब्जी उगाकर लोगों को निशुल्क सेवा कर रहे है। रामदोहर,सिहोता, टेकरा खुर्द,नारायणपुर,बिकुवा,डुमरिया, मंझौली के दर्जनों किसानों के बीच नारियल,आम,केला,पपीता,कटहल,का पौधा देकर लोगो को खेती के कामों से जोड़ा है। कृषि विभाग द्वारा हमेशा प्रशिक्षण लेकर लोगो को भी प्रशिक्षण देते रहते है। बिना रासायनिक खाद, बीज से अपने खतो की अधिक उपज आर्गेनिक खेती से करते है। अपने खेतों में गोबर,नाम की पती, सडा गला पत्ती ,गोमूत्र, और बीज को उपचारित कर खेती करते है। उत्तम किस्म के बीज से फल तैयार करते है। नागेंद्र पाठक ने बताया कि दो साल पहले एक सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए राजस्थान गया था। वहां जाकर खेती करने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था।टेकरा खुर्द के अवध कुमार ने बताया कि नागेंद्र पाठक ने सभी किसानों को निशुल्क प्रशिक्षण देते है साथ मे पौधा लगाने के लिए देते है। अमरूद,आम, और केला की खेती के साथ पपीता की खेती से किसानों की आय दोगनी हो गई है। सीहोता के सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि नागेंद्र पाठक बहुत ही मेहनती है। किसानों के लिए दिन रात परिश्रम करते है। उनसे सभी किसानों को खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए। कम पूंजी मे बेहतर खेती भी की जा सकती है। सतेंद्र महतो,रामदास महतो,उमेश महतो, सूर्यदेव दांगी ,उपेन्द्र कुमार इत्यादि ने भी बताया की नागेंद्र पाठक से हमलोग भी फलदार पौधे लेकर लगाएं है। नागेंद्र पाठक ने बताया कि घर में तैयार फल ,फूल ,सब्जी उगाकर लोग बाजारों मे बेचकर रूपए कमा सकते है।अधिक मेहनत और पूंजी लगाकर घर बैठे धन अर्जित कर सकते है। फूल की खेती में भी अधिक लाभ है। इधर उधर समय बर्बाद करने से अच्छा है कि खेती कर जीविकापार्जन कर बेहतर भविष्य गढ़े। पचास साल पूरा करने के बाद भी आज नागेंद्र पाठक स्वस्थ्य है। उनके दिनचर्या में योगासन के बाद घर पर रहकर लोगों के लिए फलदार और सब्जी के पौधा तैयार करना शामिल है।