रिपोर्ट – श्रीनिवास कुमार ,कोंच संवाददाता

कोंच:टिकारी विधायक डॉ अनिल कुमार द्वारा विधानसभा में कोंचडिह स्थित कोचेश्वर महादेव मंदिर की सौंदर्यीकरण और नवीनीकरण करने की मांग उठाने के बाद जिलाधिकारी के आदेश के बाद उप विकास आयुक्त संजीव सिंह ने शनिवार को कोचेश्वर महादेव मंदिर का निरीक्षण किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय विधायक डॉ अनिल कुमार द्वारा विधानसभा में एक सवाल उठाया गया था , जिसमें पौराणिक मंदिर कि सौंदर्यीकरण और विकास करनेको कहा गया था। इसके जवाब में विभागीय मंत्री द्वारा सर्वेक्षण कराने के उपरांत इसका जवाब दिए जाने की बात कही गई थी। उसी के तहत शनिवार को पौराणिक मंदिर कोचेश्वर महादेव मंदिर का उप विकास आयुक्त को निरीक्षण किया। श्री कुमार ने साथ में मौजूद अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती करिश्मा और अंचल अधिकारी योगेंद्र कुमार से मंदिर के आसपास रहे सरकारी जमीनों का पूरा विस्तृत ब्यौरा मांगा। आयुक्त ने मंदिर से पूरब उत्तर निर्मित तालाब के पास खाली पड़े सरकारी जमीन का निरीक्षण किया। अंचल अधिकारी ने आयुक्त को बताया कि मंदिर के आसपास तालाब को छोड़कर लगभग 2 एकड़ जमीन सरकार का है , जिसे सौंदर्यीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जेई रवि कुमार ने आयुक्त को बताया कि जिलाअधिकारी के पास मंदिर कमेटी की ओर से अभी तत्काल में मंदिर में समुचित लाइट परिसर का सौंदर्यीकरण मंदिर चारदीवारी का जीर्णोद्धार मंदिर से 20 मीटर की दूरी पर अवस्थित 4 एकड़ में फैला तालाब का जीर्णोद्धार , वहां पर खाली पड़े लगभग 2 एकड़ जमीन पर एक धर्मशाला और चबूतरा निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया गया है , जिस पर लगभग दो करोड़ राशि खर्च होगा। उप विकास आयुक्त ने कोचेश्वर महादेव मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर अवस्थित सहस्त्र लिंगी महादेव मंदिर का भी निरीक्षण किया।

आयुक्त ने स्थल पर मौजूद रामाधार शर्मा पीयूष कुमार अरुण शर्मा कुंदन कुमार से मंदिर से संबंधित जरूरी जानकारी हासिल किया और मंदिर के कार्यों को देखरेख में लगे रामाधार शर्मा से पुराने कागजात और फोटोग्राफ्स लिया।
उक्त मौके पर उप विकास आयुक्त संजीव सिंह अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती करिश्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रदीप कुमार चौधरी अंचल अधिकारी योगेंद्र कुमार मुखिया दिलीप कुमार रामाधार सिंह के सिंह पीयूष कुमार कुंदनकुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
पुजारी के नहीं रहने से उप विकास आयुक्त को घंटों इंतजार करना पड़ा
पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर को अपने अधीन किए जाने के उपरांत मंदिर में पूजा पाठ और देखरेख के लिए एक पुजारी नियुक्त किया गया था लेकिन पुजारी का रवैया शनिवार को बहुत ही शर्मनाक देखने को मिला जिला से आए पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी घंटों मंदिर के बाहर निरीक्षण के लिए इंतजार करते रहे लेकिन मंदिर के पुजारी मुखिया दिलीप कुमार द्वारा बुलाने के बावजूद भी नहीं आया। जिसके बाद पुरातत्व विभाग के एक पदाधिकारी द्वारा दूरभाष पर ङांट लगाने के बाद पुजारी मंदिर का ताला खोला ग्रामीणों ने बताया कि पुजारी का हमेशा यही रवैया रहता है।