मगध लाइव वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

पूर्णतः संरक्षित एवं दुर्घटना रहित रेल परिचालन के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मंडल निरंतर कार्यरत है। किसी रेल आपदा के समय त्वरित राहत एवं बचाव कार्य की सुदृढ़ तैयारी सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को डीडीयू मंडल तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की वाराणसी स्थित 11वीं बटालियन द्वारा संयुक्त अभ्यास (मॉक ड्रिल) किया गया। मॉक ड्रिल का आयोजन डीडीयू जंक्शन स्थित पाथ वे ट्रेनिंग सेंटर के समीप शाम के वक्त किया गया। मॉक ड्रिल में डीडीयू मंडल एवं एनडीआरएफ की टीमों द्वारा मॉक दुर्घटना में फंसे यात्रियों को राहत पहुंचाने एवं संबंधित क्रियाविधियों का अभ्यास किया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम चिन्हित मॉक दुर्घटना स्थल पर मॉक (छद्म) रेल दुर्घटना एवं क्षतिग्रस्त कोच की स्थिति बनाई गई। इस मॉक दुर्घटना में कुछ यात्रियों के हताहत होने के साथ कुछ यात्रियों के क्षतिग्रस्त कोच में फंसे होने की स्थिति डमी के माध्यम से प्रदर्शित की गई। मॉक दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे कंट्रोल द्वारा हूटर बजाकर सूचित किया गया। तत्पश्चात एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (ART) तथा क्रेन को घटनास्थल पर पहुंचाया गया। घटनास्थल पर संचार एवं उद्घोषणा तथा विद्युत आपूर्ति एवं प्रकाश व्यवस्था की गई। मॉक दुर्घटना की सूचना पर एनडीआरएफ से राहत व बचाव कार्य में सहायता की मांग की गई। संयुक्त टीम द्वारा मॉक दुर्घटना में हताहत यात्रियों तथा कोच में फंसे हुए मॉक यात्रियों का जायजा लेते हुए राहत एवं बचाव कार्य करते हुए मॉक दुर्घटना के शिकार लोगों को मॉक फील्ड हॉस्पिटल तक ले जाया गया। मॉक मृतकों के शव बाहर निकाल कर एक स्थान पर रखा गया। घटनास्थल पर ही यात्रियों के लिए खान-पान तथा टिकट रिफंड एवं एक्स ग्रेशिया भुगतान की मॉक व्यवस्था की गई।
मॉक राहत एवं बचाव कार्य के दौरान डीडीयू मंडल के सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मियों के साथ एनडीआरएफ व जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।