मगध लाइव वरीय संवाददाता देवव्रत मंडल

आक्रमक रणनीति बनाने पर कर्मचारी यूनियन की बैठक में किया गया विचार
शनिवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन शाखा गया के यूनियन पदाधिकारियों एवं शाखा पार्षदों की एक अति आवश्यक बैठक शाखा कार्यालय गया में की गई। जिसमें मुख्य रुप से भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे कर्मचारियों का रात्रि ड्यूटी भत्ता को बंद करने एवं 1 जुलाई 2017 से दिए गए रात्रि भत्ता को रिकवरी करने का भारत सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोधस्वरूप आक्रमक रणनीति बनाने पर काफी गंभीरता से विचार विमर्श किया गया। जैसा की सर्वविदित है रेल मंत्रालय( रेलवे बोर्ड) द्वारा वैसे कर्मचारियों को जिन्होंने रात्रि में ड्यूटी किया है दिए गए भत्तों की रिकवरी करने का आदेश 29 सितंबर 2020 में जारी किया गया था। तभी से ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं उनके जोनल यूनियनों ने पूर्व मध्य रेलवे में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन इसका पुरजोर विरोध करते आ रही है। परिणाम स्वरूप कल दिनांक 6 नवंबर 2020 को रेलवे बोर्ड द्वारा अस्थाई रूप से नाइट ड्यूटी एलाउंस की रिकवरी को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई फिर भी कर्मचारियों पर तलवार लटकी हुई है। इसके पूर्व भी 4% डीए की घोषणा करने के बावजूद रेल मंत्रालय ने जुलाई 2021 तक कर्मचारियों को उक्त डीए का भुगतान करने पर रोक लगा रखी है इसी तरह आए दिन रेलवे कर्मचारियों को मिलने वाले विभिन्न भत्तों पर रोक लगाने की रेलवे बोर्ड तथा भारत सरकार की मंशा है। जिसे देखते हुए आज की बैठक ईसीआरकेयू के लिए काफी अहम मानी जा रही है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन का दबाव एवं ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के विरोध स्वरूप तत्काल रेलवे कर्मचारियों को कुछ राहत के पल मिले हैं। जैसा कि अनुमान है एक-एक कर्मचारियों से रात्रि भत्ते की रिकवरी हेतु डेढ़ से ढाई लाख रुपए तक की रिकवरी होनी है। जबकि कर्मचारियों ने उक्त अवधि में रात्रि ड्यूटी किया है। आज की बैठक में ईसीआरकेयू हाजीपुर के सहायक महामंत्री मिथिलेश कुमार ने बताया कि रेलवे को 24 ×7 × 365 चलाने हेतु काफी अधिक संख्या में स्टेशन मास्टर, रेलवे गार्ड , रेलवे ड्राइवर एवं कई विभागों के तकनीशियन, इंजीनियरिंग स्टाफ की आवश्यकता होती है । पर रेलवे बोर्ड द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर 43,600 रुपए बेसिक पाने वाले कर्मचारियों को ही नाइट ड्यूटी एलाउंस देने का पत्र जारी किया गया है। शेष कर्मचारियों को यह भत्ता नहीं मिलेगी जो कि गलत है। रेलवे 24 घंटा सेवा देती है। जिसमें अधिसंख्य कर्मचारियों की ड्यूटी करने की आवश्यकता पड़ती है, परंतु 43,600 की सीलिंग लिमिट किए जाने पर रेलवे की उत्पादकता पर प्रभाव पड़ेगा। जिससे रेलवे को संरक्षण, सुरक्षा एवं समय पालन में कठिनाई आएगी। इन्होंने पिछले महीने ही डीडीयू मण्डल के वरीय मण्डल कार्मिक अधिकारी श्री अजित कुमार के साथ बात कर कटौती को वर्तमान में नहीं किये जाने के लिए राजी कर लिया गया था। गया शाखा सचिव विजय कुमार ने अपने संबोधन में कर्मचारियों को एकजुट रहने तथा इस तुगलकी फरमान के विरोध में एक स्वर से खड़ा रहने की अपील की तथा ईसीआरकेयू को साथ लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन को मजबूत बनाने का आह्वान किया। आगे भी रात्रि भत्ता की सीलिंग हटाने हेतु ईसीआरकेयू के महामंत्री कॉमरेड एसएनपी श्रीवास्तव के आदेशानुसार एवं एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा के मार्गदर्शन में चलने का आह्वान किया। बैठक में गया शाखा सचिव विजय कुमार, उपाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद, एके ओझा, सहायक सचिव उत्तम कुमार, संगठन मंत्री राजन कुमार सिन्हा, अजीत कुमार श्रीवास्तव, बीके जायसवाल, डीजे चौधरी, संयुक्त सचिव रामप्रवेश प्रसाद, शाखा पार्षद आरके अवस्थी, बबलू कुमार सिन्हा, अमृत कुमार सिन्हा, कुणाल रंजन, राजीव रंजन कुमार के अलावा कई रेल कर्मचारी उपस्थित थे।