
गया। एक किरण आरोह संस्था के बैनर तले जिला परिषद् सभागार में बुधवार को मानव व्यापर जागरूकता एवं क़ानूनी प्रशिक्षण के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला अभियोजन पदाधिकारी डा. हिमांशु शेखर, मुख्यालय डीएसपी अंजनी सिंह, सिटी डीएसपी राजकुमार साह., बलवंत कुमार एपीओ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्था की अध्यक्षा रीतू प्रिया द्वारा संस्था की उपलब्धि एवं चुनौतियों के व्याख्या के साथ हुआ। इसमें विगत 8 वर्षों में सस्था ने पुलिस और प्रशासन के सहयोग पर आभार व्यक्त किया।ऋतू प्रिया ने बताया की अबतक संस्था द्वारा 350 बच्चों को रेलवे स्टेशन एवं कारखानों से तथा 52 महिलाओं/बच्चियों को वैश्यालयों से मुक्त कराया जा चुका है। संस्था के निदेशक मनोज कुमार ने पुलिस अधिकारीयों को मानव व्यापर पर विस्तृत जानकारी देते हुए गया जिले में मानव व्यापर की स्थिति को दर्शाया।उन्होंने बताया की गया जिले में अब अंतराष्ट्रीय मानव तश्कर गिरोह काम कर रहा हैं जिसके तहत बच्चों की तश्करी कर उन्हें भूटान भेजा जा रहा है. जो बच्चे तश्करी के शिकार हो रहे हैं वो मुख्यतःमहादलित जाति के बच्चे हैं साथ ही इन्होने पुलिस कर्मियों को आगाह किया की अगर बाल तश्करी को रोका नहीं जाता है तो वो दिन दूर नहीं जब कोई आतंकवादी सगठन इन बच्चों को मानव बम की तरह समाज के खिलाफ उपयोग में लाये जो की समाज,बच्चों एवं देश के लिए व अत्यंत खतरनाक साबित होगा।कार्यक्रम में मानव व्यापर से जुड़े चलचित्र एवं कानूनों से जुड़े चलचित्र का व प्रसारण किया गया जिसका उद्देश्य अधिकारियो को मुद्दे में संवेदनशील करना था।
पुलिस कर्मियों के बीच एक खेल का आयोजन किया गया जिसके तहत मानव व्यापर से जुड़े सवालो को जो की उनके अंदर चल रहा होता है उसे बहार निकलने का एक छोटा-सा संस्था का प्रयास था जिसके फलस्वरूप अधिकारीयों ने खेल का मनोरंजन करते हुए मानव व्यापर से जुड़े कई सारे सवालों को उच्च अधिकारीयों के समक्ष रखा। इसके निवारण पर वाघा उपस्थित उच्च अधिकारीयों ने सवालों के निवारण पर चर्चा की और समाधान बताया मानव व्यापर से संबधित केस में किस तरह से डायरी लिखी जाये एवं सबूतों पर और केस के जाँच पर आई.ओ. को कैसे कार्य करना है, जिला अभियोजन पदाधिकारी, डा. हिमांशु शेखर द्वारा प्रशिक्षण दिया।साथ ही उन्होंने बताया की रेड और रेस्क्यू में पुलिस अधिकारी क्या क्या सावधानियां बरतनी हैं ताकि सबूतों को नष्ट होने से बचाया जा सके जिसके आधार पर दोषी को सजा दिलाई जा सके।पुलिस कर्मियों को जेजे एक्ट पर चलचित्र के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया की बच्चों को दोषी पाए जाने पर उनके साथ कैसा और क्या व्यवहार करना है। साथ ही एएचटीयू के अधिकारी, संस्था के कार्यकर्ता मनोज कुमार, स्वयंसेवक के तौर पर पुरुषोत्तम कुमार का पूर्ण सहयोग रहा जो की मानव व्यापर जैसे गंभीर मुद्दे पर कार्य करने के लिए अति सराहनीय है।
लाइव मगध संवाददाता प्रकाश कुमार