मजदूरों के पलायन से धान कटनी हो रही प्रभावित
अधिकांश किसानों के खेतों में पककर तैयार है धान की फसल
मगध लाइव संवाददाता दिवाकर मिश्रा

डुमरिया प्रखंड क्षेत्र समेत पंचायत भर में मज़दूरों की कमी के कारण खेतों में पककर तैयार धान की फसल कटनी का इंतजार कर रही है।
धान कटनी में बिलम्ब का मुख्य कारण प्रखंड से मज़दूरों का बृहत पैमाने पर पलायन होना है।
बता दें कोरोना महामारी के लॉक डाउन के दौरान जैसे तैसे दूसरे प्रदेशों के इंट भट्ठों पर से घर पहुंचे मज़दूरों के सामने जब भादो माह में रोजगार की किल्लत हुई ।तो गांव टोला में घूम रहे मज़दूरों को पलायन करवाने वाले ठीकेदारों से अग्रिम राशि लेना मजबूरी हो गई। फलतः सितंबर के अन्तिम सप्ताह से मज़दूरों का पलायन शुरू हो गया। अब स्थिति यह है कि हज़ारों की आबादी वाले अनुसूचित टोले में कुछ बृद्ध दिव्यांग स्त्री पुरुष शेष बचे हैं। जिनके भरोसे किसानों की धान की कटनी होनी है।प्रखंड के कुछ गांवो के साधन संपन्न किसानों के पास धान कटनी के लिए हार्वेस्टर उपलब्ध है।बाबजूद किसानों को मजदूरों की कमी खल रही है।
खेतो में नमी से हार्वेस्टिंग प्रभावित :
इस बर्ष अच्छी बारिश के कारण नहरी क्षेत्र में मानसून के अलावे नहरी पानी खेतों को मिलते रहा है।फलतः फसल तैयार हो जाने पर भी खेतो में नमी की अधिकता से हार्वेस्टिंग करने में परेशानी हो रही है। ग्रामीण किसान नरेश प्रसाद, संजय सिंह, पप्पू सिंह, बसंत सिंह,शिवकुमार सिंह, अनिल कुमार , ओम यादव, मदन चौधरी आदि कहते हैं अगर ससमय धान की कटनी नहीं हुई तो निर्धारित समय पर रवी की बोआई संभव नहीं हो पायेगा।
लोगो का मानना है कि सरकार को मज़दूरों के पलायन रोकने के लिए स्थाई तौर पर रोजगार मुहैया करवाने की व्यवस्था करनी चाहिए।सिर्फ मनरेगा के भरोसे छोड़ देने से पलायन रुकने वाला नहीं है।क्योंकि मज़दूरों के लिए बनाई गई मनरेगा योजना �