वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने कहा है कि रेलवे बोर्ड द्वारा दिनांक 24/11/2020 को पूर्व आदेश संख्या 48/2020 के संदर्भ में एक पत्र जारी कर रेल मंत्रालय अपनी रोजगार विरोधी तथा देश विरोधी मंशा साफ कर दिया कि भविष्य में भारतीय रेल में नौजवानों को नौकरी नहीं मिलेगी। क्योंकि पत्र संख्या -E(MPP)2018/1/1 दिनांक 24/11/2020 को अजय झा, संयुक्त निदेशक, श्रम शक्ति योजना, रेलवे बोर्ड द्वारा जारी पत्र में सभी क्षेत्रीय रेलों को यह स्पष्ट कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में जितने रिक्त पदों पर बहाली की जानी थी, यदि वह अबतक नही की गई है तो उन पदों की समीक्षा कर सरेंडर कर दिया जाए। संरक्षा से जुड़े पदों को छोड़कर बाकी पदों को भी सरेंडर किया जाए तथा जो वर्तमान में रिक्तियाँ है उनका 50 % पद को सरेंडर किया जाए।

जहाँ एक ओर शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी के लिए परीक्षा की तारीख दिसम्बर माह में कराने की बात कही गई थी , वहीं दूसरी ओर रेल में बड़ी संख्या में पदों को समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया गया है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन,के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री मिथलेश कुमार ने बताया कि जहाँ भारत में नौजवानों का एक बड़ा तबका बेरोजगारी की मार झेल रहा है, ऐसे समय मे पदों का समाप्त करना देशहित मे नहीं हो सकता है। जबकि रेल गाड़ियां विशेष कर मालगाड़ियां पहले से 15% अधिक चल रही है और रेल की आमदनी का मुख्य स्रोत माल ढुलाई है। आल इंडिया रेल्वेमेन्स फेडरेशन था इसीआरकेयू इन पदों पर बहाली कराये जाने के लिए लगातार संघर्स कर रही है। श्री कुमार ने बताया कि यूनियन की मांग पर रेल मंत्रालय अवश्य ही विचार करेगी।