मगध लाइव संवाददाता राहुल कुमार


बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओ को सबक सिखाने के मूड से गाँव वाले ने रोड नही तो वोट का पोस्टर लगा कर वोट वहिष्कार करने की चेतावनी दे डाला था।ताजा मामला बिहार के गया जिला का बाराचट्टी प्रखंड के सरवां बाजार में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने पार्टी के प्रचार-प्रसार एवं बैठक के लिए सरवां पंचायत में पहुँचे।बैठक के बाद जब श्री माँझी अपने कार्यकर्ताओं के साथ निकले तो गाँव वालों ने विरोध में नारे लगाने शुरू कर दिए,रॉड नही वोट नही,पहले रोड तभी पड़ेगा वोट,जैसे तमाम तरह के नारों से पूरा बाजार गुंजायमान हो गया। लोग बहूत गुस्से में दिखे।लोंगो ने यह आरोप लगाया कि का जब से होश संभाले है तब से इसी तरह का जर्जर रोड देखते आ रहे है।तीन पंचायत 20 गाँव,25 टोला,50 हजार की आबादी,30 हजार वोटर होने के वावजूद आज तक यह सड़क नही बन पाया।इसलिए वोट नहीं देने पर लोग आमादा हो गए हैं.दरअसल 25 गांव के लोगों के लिए बरसात के मौसम में आवाजाही बेहद मुश्किल भरा साबित होता है।सुलेबट्टा से बोधगया, गया जिले को जोड़ने वाली सड़क उसकी बदहाली की वजह से तकरीबन 25 गांव के लोगों ने मतदान की प्रक्रिया से नहीं जुड़ने का एलान कर दिया है।वैसे सुलेबट्टा से गया पथ की बदहाली की कहानी काफी पुरानी है और इस पथ पर बसे गांव के लोग सालों से एक पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन हर चुनाव में इन्हें कोरे आश्वासन के सिवाय कुछ खास नहीं मिल सका है.हालात से तंग आकर इस इलाके के लोगों ने एक बार सड़क जाम भी किये थे,लोकसभा चुनाव में पूरा आश्वाशन के वावजूद
सरकार का ध्यान देने का काम नही किया था.वैसे इस इलाके का प्रतिनिधित्व दो कद्दावर नेता कर रहे हैं जिनका रसूख प्रदेश की सरकार में किसी से कम नहीं है. इसलिए यहां के स्थानीय लोग अब मानने लगे हैं कि चाहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम पार्टी के प्रत्याशी हो या वर्तमान विधायिका हों दोनों ने यहां पर पीडब्लूडी की सड़क बनाने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए हैं।