एडीआरएम के आदेश पर गया सहित अन्य जगहों पर टीम कर रही है सर्वे

रेलवे में काफी अर्से से रेल कर्मचारियों के आवास को किराए पर लगाकर अवैध धंधा चला आ रहा है। वही आवासों पर अवैध कब्जे की बात सामने आती रही है। जबकि कई कर्मचारी आवास खाली रह जा रहे हैं, जिसका आवंटन किसी रेलकर्मियों के नाम से नही है। ऐसे आवासों में कई लोग अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए उसका इस्तेमाल किसी न किसी रूप में करते आ रहे हैं। इस तरह की शिकायतें व गुप्त सूचना के बाद रेलवे बोर्ड ने सख्ती से संज्ञान लिया है। अब ऐसे कर्मचारी आवासों का सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है। डीडीयू मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक अतुल कुमार ने इसी महीने की 18 तारीख को एक आदेश निर्गत करते हुए सर्वे टीम को बिंदुवार रिपोर्ट 30 दिसंबर तक प्रस्तुत करने की बात कही है। यहां बताना लाजिमी है कि इस बार सर्वे टीम में इसीआरकेयू के गया शाखा के पार्षदों को भी शामिल किया गया है। जिसमे राजन कुमार सिन्हा, अरुण कुमार ओझा तथा उत्तम कुमार को शामिल किया गया है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि पिछले दिनों डीडीयू मंडल में संपन्न हुई पीएनएम की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था कि इसके पूर्व किए आवासों के सर्वे के दौरान मान्यता प्राप्त ईस्ट सेंट्रल रेल कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर यूनियन ने आपत्ति जताई थी कि पूर्व के सर्वे को कैसे सही मान लिया जा सकता है। जिसके बाद इस बार किए जा रहे सर्वे में यूनियन के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। गया में इस सर्वे टीम में रेलवे की ओर से वरीय प्रशाखा अभियंता(कार्य) मनोज कुमार, वरीय प्रशाखा अभियंता विद्युत(सामान्य) डी. रजक तथा रेलवे सुरक्षा बल के अवर निरीक्षक विक्रमदेव सिंह शामिल किए गए हैं।
एक बड़ी बात यहां बताना जरूरी समझते हैं कि धनबाद रेल मंडल में इसी तरह के सर्वे के बाद करीब तीन सौ से अधिक रेलकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करते हुए पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है।
रिपोर्ट- वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल