
चुनावी अंकगणित के आधार पर अपनी जीत विपक्ष की हार का दावा
मगध लाइव संवाददाता आलोक रंजन की विशेष रिपोर्ट
चुनावी शोर के साथ मतदान समाप्त होने के साथ अब चौक चौराहों पर जीत हार की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। चुनावी महासमर में उतरे टिकारी विधानसभा क्षेत्र के 25 प्रत्याशियों का ईवीएम में बंद किस्मत 10 नवंबर को खुलेगा। तबतक चुनावी पंडित जीत हार के दावे और अंतर को खंगालने में माथापच्ची में जुटे है।
विधानसभा के कुल 3 लाख 8 हजार 598 मतदाताओं में से 1 लाख 84 हजार 464 यानी 59.77 फीसदी वोटर लोकतंत्र के इस महापर्व का हिस्सा बने। इनमे 98 हजार यानी 61.51 प्रतिशत पुरुष और 85 हजार 581 यानी 57.89 प्रतिशत महिला शामिल है। टिकारी से एनडीए, महागठबंधन, बसपा, जाप सहित अन्य दलों व निर्दलीय 25 प्रत्याशियों के किस्मत का ताला अब 10 नवम्बर को मतगणना के बाद खुलेगी।
मतदान सम्पन्न होते ही शहर से लेकर गांव तक चौक चौराहों, चाय-पान के दुकानों, बैठकखानो पर जीत हार की चर्चा शुरू हो गई है। सभी अपने अपने चुनावी गणित और आंकड़ों के कैलकुलेशन के बाद जीत का दावा करनी शुरू कर दी है। हार-जीत के कयासों के बीच एनडीए एवं महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर बताया जा रहा है। लोजपा भी इस चुनावी रेस में जीत के दावे से पीछे नही है।
टिकारी विधानसभा में एनडीए की ओर से हम पार्टी के टिकट पर क्षेत्र के दो बार विधायक रह चुके पूर्व मंत्री अनिल कुमार एवं महागठबंधन से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व जिला परिषद रहे सुमन्त कुमार के समर्थक अपने अपने उम्मीदवार के जीत के दावे कर रहे हैं। लोजपा भी जीत के रेश में पीछे नही है। उसके समर्थकों की माने तो वर्ष 2005 का इतिहास दुहराने से कोई नही रोक सकता।
महागठबंधन के दल राजद, कांग्रेस व लेफ्ट का गोलबंद होना और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव के दस लाख नौकरी देने के चुनावी वादे ने मतदाता को गोलबंद करने में सफल रही है। जो एनडीए उम्मीदवार के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। हालांकि एनडीए उम्मीदवार अनिल कुमार को एनडीए की भाजपा व जदयू के मजबूत वोट बैंक, उनके अपने विकास की क्षवि और लगातार क्षेत्र में उपस्थिति जीत का कारण बन सकता है।
लोजपा बिगाड़ सकती है खेल
चुनाव से ऐन वक्त पहले एनडीए से अलग हुई लोजपा द्वारा भाजपा छोड़ अन्य दलों के प्रत्याशी के विरुद्ध पार्टी प्रत्याशी उतारना एनडीए उम्मीदवार के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। एनडीए के वोट बैंक में लोजपा सेंध लगा चुकी है।
महागठबंधन को भी लग सकता है झटका
राजद पार्टी से टिकट की रेस में आगे चल रहे पूर्व विधायक शिव वचन यादव के बसपा पार्टी से और जन अधिकार पार्टी से अजय यादव के चुनाव में मैदान में उतरने से महागठबंधन को भी झटका लग सकता है। यादव बहुल क्षेत्र में दो दो यादव नेताओं का चुनावी मैदान में उतरना महागठबंधन के लिए खतरा साबित हो सकता है। हालांकि राजद नेता अपने वोट बैंक में किसी तरह की सेंध लगने से साफ इंकार कर रहे है। बहरहाल चुनावी पंडितों का अंकगणित कितना और किसको विजयश्री दिलाएगा 10 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।