
मगध लाइव संवाददाता प्रकाश कुमार
गया। जिला पदाधिकारी गया अभिषेक सिंह द्वारा आज रेड क्रॉस सोसाइटी सभागार में जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा आयोजित 80 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग वाले दिव्यांगजनों को मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल वितरण किया गया। इसके पूर्व जिला पदाधिकारी को जिला सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी द्वारा पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया गया। जिला पदाधिकारी ने दिव्यांग जनों को संबोधित करते हुए कहा कि गया में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मोटराईज्ज बैटरी ऑपरेट ट्राईसाइकिल दिव्यांग जनों को दिया गया है। काफी समय से इसकी डिमांड थी खास करके ऐसे दिव्यांगजन जिनकी विकलांगता 80% से अधिक है। ज़िला पदाधिकारी ने कहा कि दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने तथा उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में यह मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल काफी मददगार साबित होगा। इस मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल के सहारे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने हेतु, एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने तथा अपनी आजीविका हेतु दिव्यांगजन आ- जा सकते हैं। उन्होंने दिव्यांग जनों से कहा कि राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन गया द्वारा दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास हेतु सरकार तथा जिला प्रशासन तत्पर है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग जनों को भी सामान्य जनों की तरह उनकी जरूरतों को पूरा करने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। दिव्यांगजन कुछ न कुछ कार्य करना चाहते हैं, वे भी अपने घरों से निकलना चाहते हैं और अपने कार्य स्थल तक जाने है तथा प्रतिदिन वापस अपने घर आने हेतु यह ट्राई साइकिल उनके लिए काफी सहारा साबित होगा।

ज़िला प्रशासन द्वारा निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फण्ड के प्रावधान के आलोक में 100 मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल लिया गया है, जिसमें आज पहले फेज में 27 दिव्यांग बंधु को चिन्हित कर उन्हें मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल वितरण किया गया है। मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल उपलब्ध होने से उनको काफी सहूलियत मिलेगी।मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल प्राप्त होने पर दिव्यांग जनों द्वारा काफी प्रसन्नता व्यक्त की गई और उन्होंने जिला प्रशासन के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल मिलने से सभी दिव्यांग जनों के जीवन में एक नया अध्याय आज जुड़ रहा है। इससे आने वाले समय में उन्हें और स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगा। अगले कुछ फ़ेजो में भी मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल का वितरण किया जाएगा । उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंगलवार को समाहरणालय में अपराहन 1:00 बजे से दिव्यांगों की समस्याओं को सुनी जाती हैं। उन्होंने जिला सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी को भी कहा कि आपके कार्यालय में आने वाले सभी दिव्यांग जनों की समस्याओं को सुने और जो भी उनकी समस्या है उनका यथासंभव निराकरण करें।उन्होंने सभी दिव्यांगजन से अपील किया कि वैसे दिव्यांगों जो 80% से ऊपर दिव्यांग है वे ज़िला समाजिक सुरक्षा कोषांग या ज़िला पदाधिकारी को आवेदन दे। आवेदन एवं उनके कागजातों की जांचोपरांत उन्हें भी मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराया जाएगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि गया जिले में कुल 40818 दिव्यांग जनों को ₹4000 प्रति माह की दर से डीवीटी के माध्यम से पेंशन भुगतान किया जा रहा है साथ ही दिव्यांग जनों को प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु प्रखंड स्तर पर प्रमाणीकरण के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 2019-20 में कुल 214 दिव्यांग जनों के बीच ट्राई साइकिल, तीन दिव्यांग जनों को वैशाखी, तीन दिव्यांग जनों को श्रवण यंत्र एवं 11 दिव्यांगजन को व्हीलचेयर का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री निशक्तजन विवाह अनुदान योजना अंतर्गत कुल 11 दिव्यांग जनों को लाभान्वित किया गया है इस योजना अंतर्गत दिव्यांग वर-वधू को ₹100000 का अनुदान भुगतान करने का प्रावधान है। दो आवेदन पत्र पर कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार ऋण योजना के तहत स्वावलंबी बनने के लिए व्यवसाय करने हेतु दिव्यांगजन को एकमुश्त ₹150000 दिए जाने का प्रावधान है अब तक इस योजना से 13 दिव्यांग जनों को लाभान्वित किया जा चुका है जिस पर 1350000 रुपए व्यय किया गया है। स्वीकृति हेतु दो आवेदन पत्र विभाग को पुनः भेजा गया है। 27 दिव्यांग जनों को मोटराईज्ज ट्राईसाइकिल वितरण किया जा रहा है। इसके उपरांत जिला पदाधिकारी ने दिव्यांग जनों को अपने हाथों से हेलमेट पहना कर ट्राई साइकिल पर बैठा कर उन्हें हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने उपस्थित दिव्यांगजन से उनकी समस्याओं एवं उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो के संबंध में जानकारी प्राप्त किया। इसके उपरांत जिला बाल संरक्षण इकाई गया एवं सेंटर डायरेक्ट के सम्मिलित प्रयास के तहत बाल श्रम मुक्त अभियान को लोगों के बीच जागरूक करने के उद्देश्य से गुब्बारा उड़ाकर एवं दो जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
ज़िला पदाधिकारी ने बताया कि गया ज़िला में बाल श्रम की काफी शिकायते है। चाइल्ड ट्रैपिंग के मामले को लेकर गया के बच्चों को राजस्थान, दिल्ली, मुम्बई, बैंगलोर, जयपुर एवं अन्य महानगर शहर ले जा कर पढ़ाई या काम सिखाने का लालच देकर ले जाते हैं। उन्हें तथा उनके परिवार को कुछ पेशगी देकर ऐसे बच्चों से बाल श्रम/ खतरनाक काम करवाते हैं। वैसे बच्चों की लगातार शिकायत मिलते रहते है। फिर वहां से रेस्क्यू किया जाता रहा है। इसी कड़ी में आज 2 जागरूकता वाहन को रवाना किया गया है, इस जागरूकता वाहन के द्वारा लोगों को जागरूक करेंगे ताकि वे अपने बच्चों को काम करने हेतु बाहर नहीं भेजे तथा उनके पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा बाल श्रम एक कानूनी अपराध है, जिसे कराने वाले और बच्चों को बेचने वाले मालिक या मां-बाप को आईपीसी की धारा 370 एवं 370(a) के तहत कम से कम 7 वर्ष की सजा हो सकती है जो कि 10 वर्ष तक बढ़ सकती है। एक से अधिक व्यक्तियों के मानव व्यापार के अपराध के लिए आईपीसी की धारा 370 के तहत कम से कम 10 वर्ष के लिए कारावास जो कि आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है और यह अपराध गैर जमानती है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम एक संगठित अपराध है। हम सब मिलकर इसे मिटाएं और सभी बच्चों को अपना अधिकार दिलाएं।