
मनु महाराज का जन्म 20 अक्टूबर 1974 को शिमला, हिमाचल प्रदेश में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिमला में ही पूरी की जिसके बाद इन्होने आईआईटी रुड़की से B-TEC में स्नातक पूरा किया। जिसके बाद इन्होने दिल्ली के जवाहर नेहरु विश्वविद्यालय से पर्यावरण में मास्टर डिग्री पूरी की। इसके साथ ही वे सिविल सर्विसेस की तैयारी भी कर रहे थे। वर्ष 2006 में मनु महाराज ने सिविल सर्विसेस की परीक्षा में बहुत ही अच्छी रैंक प्राप्त की। उन्हें इस परीक्षा में आईएएस रैंक मिली थी, परन्तु मनु महाराज आईपीएस रैंक का चयन किया। वे शुरू से ही IPS ऑफिसर बनना चाहते थे।
मनु महाराज भारत के बिहार राज्य के दबंग आईपीएस ऑफिसर हैं। इनके नेतृत्व में न सिर्फ राज्य के अपराधी इनसे डरते है बल्कि पुलिस वाले भी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाते हैं। मनु महाराज ने हाल ही में बिहार कर्मचारी चयन आयोग के नियुक्ति घोटाले में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार की भी गिरफ्तारी की थी। मनु महाराज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे विश्वसनीय ऑफिसर में से एक हैं। राज्य में जहाँ कही भी कानून व्यवस्था बिगडती हैं तो मनु महाराज की वहां पोस्टिंग कर दी जाती हैं। एनकाउंटर स्पेसिलिस्ट मनु महराज अपने किसी भी ऑपरेशन में टीम को खुद लीड करते है। अपने इसी निर्भिक अंदाज के कारण वे लोगों के बीच सिंघम नाम से मशहूर हैं।
मनु महाराज जब भी किसी ऑपरेशन को लीड करते हैं तो मौके पर ही वे ak-47 लेकर पहुँच जाते हैं। इन्होने बिहार के नक्सलवादी क्षेत्रों में बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। एक बार मनु महाराज रात के समय चेहरे पर गमछा बांधकर भेष बदलकर साइकिल से पेट्रोलिंग पर निकले। वे एक पुलिस जिप्सी के पास पहुँचे और पुलिस वाले से कहा साहब, मैं मजदूरी करके लौट रहा था, तभी रास्ते में बदमाशों ने मुझे लूट लिया है। कृपया मेरी मदद कीजिए, उस पुलिस वाले ने उनकी बात को अनसुनी कर दिया और वहां से उन्हें भागने लगा। मनु महाराज ने जब निवेदन किया तो पुलिस वाले ने उन्हें थप्पड़ मारने की कोशिश की, तभी मनु महाराज ने चेहरे पर से गमछा हटा दिया। इसके बाद तत्काल उन सभी लापरवाह पुलिस वालों के खिलाफ कारवाई की गई। मनु महाराज इस समय सारण रेंज के डी.आई.जी है और छपरा में पोस्टेड हैं। और यहां आते हैं आरा-छपरा पुल पर जाम लगाने वाले पुलिस वालों पर कार्रवाई किया और 6 पुलिस वालों को निलंबित कर दिया।