मगध लाइव संवाददाता दिवाकर मिश्रा

जल ही जीवन है ,जल है तो कल है ,जल नहीं तो कल नहीं। सेवरा पंचायत के वार्ड संख्या 10 में 14 लाख की लागत से यह नल जल योजना के बड़े तामझाम के साथ शुरू हुई थी। डुमरिया में धरातल पर नहीं उतरी जल नल योजना,पानी के लिए लोग भटक रहे हैं इधर उधर। सरकार हर घर में नल जल योजना देने की तैयारी में जुटी है। लेकिन डुमरिया प्रखंड के अधिकतर गांव या पंचायत में नल पानी नहीं दे रहा है।

अधिकांश नल खराब है और पानी की टंकी सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है।अधिकतर गली में पाइप नहीं बिछाया गया है। खास बात यह है कि जहां पाइप दिया गया है वहां सिर्फ पाईप है जहां नल नहीं है वहां से पाइप ही नजर आता है।वार्ड नंबर दस के चंदन कुमार,छोटू कुमार कहते है कि डुमरिया -मैगरा से छकरबन्धा भैसादोहर तक बनाए जा रहे हैं रोड के चलते बिकुआ कला के पास नल जल योजना में लगे वार्ड नंबर 8 को काट दिया गया है। इसके कारण सालो से नल जल योजना बंद पड़ी है। वार्ड नंबर 8 की एक तरह से सरकार योजना के सड़क विभाग के धज्जियां उड़ा आ रही है तो दूसरी तरफ पंचायत के प्रतिनिधि नल जल योजना के धज्जियां उड़ा रहे है। वही सेवरा पंचायत में नल जल योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।

बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल नल कागजों तक ही सिमट कर रह गई। महुडी, काचर,भांगिया,सेवरा, छकरबनधा,इत्यादि पंचायतों में जल नल योजना की राशि निकासी के बाद भी नल से जल की प्रतीक्षा करते करते लोगो की आंखें पथरा गई है।पानी के लिए सरकार द्वारा लगाए गए सभी चा पकल खराब पड़े हुए हैं।मुखिया और वार्ड सदस्य की मिलीभगत से जल नल योजना भी चालू नहीं हो सकी है।ग्रामीण इलाकों में बिकास के लिए सरकार करोड़ों रूपए दी है किन्तु लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं।कोई पदाधिकारी किसी की समस्या के लिए आवेदन मिलने पर कोई कार्रवाई नहीं करते है।