डुमरिया संवाददाता दिवाकर मिश्रा

प्रखंड अंतर्गत गोटिबांध गांव से कबिसा गांव तक जाने वाली सड़क जर्जर होने के कारण लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार प्रत्येक दो सौ की आबादी वाले टोले को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पक्की सड़क से जोड़ने की कवायद कर रही है। निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को जर्जर सड़क के सहारे आवाजाही करने की मजबूरी बनी हुई है। ग्रामीणों द्वारा कई बार इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि से विभागीय अधिकारी तक गुहार लगाई गई है। लेकिन अब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है।
रात के समय बनी रहती दुर्घटना की संभावना एनएच 139 ई. पथ पर गोटिबांध से कबिसा की ओर जाने वाली जर्जर सड़क से चलना काफी दुष्कर साबित हो रहा है। हालांकि इस सड़क से दूसरे गांव को जोड़ने वाली सड़को से कौलसैता, कर्मा, डिभका, सैता, लगुराहा, कबिसा आदि गांवों को सुविधा मिलेगी। यह सड़क बन जाने से डुमरिया से नोडिहा जाने वाले लोगों को समय व सुरक्षित यात्रा मिल सकेगा।
झारखंड सीमा से सटे गांव में अब तक विकास से कोसों दूर है। लेकिन मुख्य सड़क की बहुत ही दयनीय स्थिति है। ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क से करीब आधा दर्जन गांवों के लिए मात्र एक सड़क लोगों को जाने के लिये है। लेकिन सड़क जर्जर रहने के कारण जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं। दिन में लोग किसी तरह इस रास्ते से आवागमन तो कर लेते हैं, लेकिन रात के समय आवागमन करना दुर्घटना को आमंत्रित करती है। 3 किलोमीटर की दूरी की सड़क जर्जर है। जगह-जगह गड्ढे होने से आवाजाही में परेशानी होती है। गड्ढों में बारिश के दिनों में जहां पानी भरता है वहीं गर्मी और ठंड के दिनों में धूल का गुबार उठता है। निर्माण वर्ष 2012-13 में किया गया था, जिसके कुछ वर्षों बाद सड़क की स्थिति धीरे धीरे खराब होती गई। सड़क का रख रखाव नहीं हुआ।सड़क बीच मे टूटकर बेकार हो गई है।सड़क खराब होने के कारण लोगो को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।