भारतीय रेल में भी महकेगी गया की सोंधी तिलकुट की महक
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देवब्रत मंडल / प्रकाश कुमार

रेल मंत्रालय ने गयाजी के मशहूर तिलकुट को एक नया आयाम दिया है। इसके निर्माण से लेकर व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए भारतीय रेल ने एक नया बाजार देकर गया के तिलकुट की प्रसिद्धि को नई ऊंचाई तक ले जाने का जो निर्णय लिया है, देखा जाए तो सच में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस कथन की याद दिलाती है जैसा कि कोरोना काल में कहा था- “लोकल इज वोकल” को बढ़ावा देना होगा। बहरहाल, रेलवे बोर्ड ने अपने एक आदेश में कहा है कि अब गया का मशहूर तिलकुट रेलवे प्लेटफार्म पर संचालित खानपान स्टॉल व कैटरिंग में यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इस फैसले का गया के प्रसिद्ध तिलकुट व्यवसायी पूर्व वार्ड पार्षद सह जदयू नेता लालजी प्रसाद ने स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, रेलवे बोर्ड तथा डीडीयू के डीआरएम व सीनियर डीसीएम को बधाई दी है। उन्होंने विशेषकर पूर्व मंत्री सांसद राधामोहन सिंह को इसके लिए आभार प्रकट किया है कि यह उनके प्रयास से ही संभव हो सका है।

इस संबंध में गया जंक्शन के मुख्य वाणिज्य पर्यवेक्षक(सामान्य) रंजीत कुमार ने बताया कि डीडीयू के सीनियर डीसीएम रूपेश कुमार ने गया जंक्शन के खानपान स्टॉल व कैटरिंग में तिलकुट बिक्री किए जाने का आदेश निर्गत कर दिया है। जो बाजार मूल्य पर रेलयात्रियों को यहां के स्टॉल पर आज से मिलने शुरू हो जाएंगे। इसके तिलकुट के व्यवसाय करने वालों से संपर्क कर रेल के आदेश से अवगत करवाया गया है। बता दें कि रेल का नेटवर्क देश की चारों दिशाओं में है। हर क्षेत्र के लोग गयाजी के तिलकुट के स्वाद के कायल हैं। रेलवे के इस फैसले से एक तरफ जहां रेल के राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं गयाजी के मशहूर तिलकुट व्यवसाइयों को एक बहुत बड़ा बाजार मिल रहा है। साथ ही इसकी प्रसिद्धि को एक और नई ऊंचाई मिल रहा है। एक बात यहां बताते चलें कि गया में रहने वाले लोग यदि बाहर का सफर शुरू करते हैं तो वे अपने स्वजनों, परिजनों के लिए अवश्य ही गयाजी का मशहूर तिलकुट उपहार के तौर पर अपने साथ ले जाना नहीं भूलते। यदि भूल भी जाते हैं उनके अपने याद जरूर दिला देते हैं कि गयाजी का तिलकुट जरूर लेकर आइएगा।