आलोक रंजन की रिपार्ट

सत्येंद्र नारायण सिन्हा कॉलेज टिकारी में प्राचार्य की मनमानी के विरुद्ध छात्र संगठनों द्वारा हंगामा के बाद स्नातक प्रथम खंड में स्पॉट नामांकन को स्थगित कर दिया गया है। एबीवीपी छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक में नामांकन के लिए स्वीकृत सीट को कम करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए स्वीकृत सीटों की संख्या के अनुरूप नामंकन करने की मांग की। उक्त मुद्दे को लेकर एबीवीपी ने प्रधानाचार्य कक्ष में जमकर हंगामा किया और प्रधानाचार्य पर सीट की संख्या कम दिखाकर बाद में नामांकन के नाम पर छात्रों से भयादोहन करने का आरोप लगाया। छात्र नेताओं ने महाविद्यालय के प्रोस्पेक्टस में स्वीकृत सीटों की संख्या 2528 का हवाला देते हुए उसी अनुसार नामांकन कराने की मांग की। हंगामा को देखते हुए प्रधानाचार्य ने टिकारी पुलिस को बुला लिया। जिसका छात्र नेताओं ने पुरजोर विरोध किया और कहा कि पुलिस के आड़ में प्राचार्य की मनमानी नही चलेगी। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय को तत्काल पत्र लिखकर सीट की संख्या पूर्ववत करने एवं स्पॉट नामांकन तत्काल स्थगित करने की मांग की। लगभग चार घण्टे तक चले हंगामा के बाद प्रधानाचार्य द्वारा स्पॉट नामांकन स्थगित करने की सूचना जारी की गई और विश्वविद्यालय कुलपति को पत्र लिखकर सभी संकाय की सीट पूर्ववत करने का अनुरोध किया गया। छात्र नेता सौरव शर्मा, गुड्डू कुमार, खुशबू कुमारी, वेंकटेश शर्मा, धीरज केशरी, राजा पटेल, सौरव यादव सहित अन्य लोगो ने प्रधानाचार्य पर कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों में मनमानी और लापरवाही बरतने, छात्रों के शैक्षणिक भविष्य खराब करने, सरकारी राशि के लूट खसोट में ज्यादा समय देने आदि आरोपों की झड़ी लगा दी। छात्र नेताओं ने कहा कि यंहा के प्रधानाचार्य बिना कारण बताए महाविद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं और प्रायः 3 बजे के बाद आते हैं छात्र नेताओं ने प्रधानाचार्य को एक ज्ञापन सौंपा और उसकी प्रतिलिपि कुलाधिपति सह राज्यपाल व विश्वविद्यालय कुलपति को भी भेजा है।
एसएनएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ जयशंकर प्रसाद ने कहा कि छात्रों के विशेष दवाब के कारण स्पॉट नामांकन स्थगित कर दिया गया है और छात्रों के माँग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा गया है। विश्वविद्यालय द्वारा सभी 14 संकाय में कुल 1350 सीट ही स्वीकृत किये गये है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्नातक में 2528 सीट में 1178 सीट की कटौती की गई जो हंगामा का कारण बना। महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित प्रोस्पेक्टस के अनुसार कुल 17 संकाय में 2528 सीट स्वीकृत है। इस वर्ष ऑनलाइन हुए नामांकन में कई संकाय तो हटा ही दिए गये वहीं कई संकाय में सीटों की संकाय को घटाया गया। इस वर्ष नामांकन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत, उर्दू व पाली संकाय को हटा दिया गया जबकि महाविद्यालय में संस्कृत व उर्दू के व्यख्याता पदस्थापित है। इस बाबत महाविद्यालय प्रशासन को किसी भी तरह की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नही दी गई।